tag:blogger.com,1999:blog-1115690546437308633.post2672911946866433431..comments2023-08-22T15:29:13.395+05:30Comments on random ramblings: प्यार कीDr. Amar Jyotihttp://www.blogger.com/profile/08059014257594544439noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-1115690546437308633.post-50519386454743965572009-11-23T01:20:47.089+05:302009-11-23T01:20:47.089+05:30tar batar khushi ki baat karein........
aap to p...tar batar khushi ki baat karein........ <br /><br />aap to poore bheege hue se hain..Reetikahttps://www.blogger.com/profile/14264105272527267576noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1115690546437308633.post-21568364346209253812009-08-20T20:58:40.791+05:302009-08-20T20:58:40.791+05:30ये फ़रिश्ते कहाँ समझेंगे इनसे क्या आदमी की बात करे...ये फ़रिश्ते कहाँ समझेंगे इनसे क्या आदमी की बात करें |बहुत खूब दोस्ती की ,प्यारकी ,जिन्दगी की ,रौशनी की बातें करें ,बारिश में नहायें दर्द को परेशां करे ,हँसे ++जीना इसी का नाम हैBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1115690546437308633.post-51203279326718125692009-08-11T15:35:15.366+05:302009-08-11T15:35:15.366+05:30अमर जी,
आज अगले दिन भी "तरबतर सी खुशी की बात ...अमर जी,<br />आज अगले दिन भी "तरबतर सी खुशी की बात करें" याद रह गयी ये बात. बधाई स्वीकारें इन भीगी पंक्तियों के <br />लिए. इस ग़ज़ल में आपका signature शेर पहले ढूंढती तो लगता कि थोडा सा इंकलाबी मिजाज़ लिए हुए यह शेर है " इसे फ़रिश्ते कहाँ . . ." . पर नहीं . . इस ग़ज़ल में आपका हस्ताक्षर है "आँधियों में जो . . ."<br />हम सभी तो उसी रोशनी की तरह हैं.<br />अच्छा लगा कि इस ग़ज़ल को पूरा पूरा सर उठा के पढ़ सकी, नहीं तो अधिकतर आपकी इंकलाबी बातों पे खुद को तोलती हूँ और ख़रा नहीं पाती तो शर्मिन्दा ही होती हूँ. <br />आज एक दम खुश-खुश :)<br />सादरAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1115690546437308633.post-29316862300164802612009-08-11T12:59:52.055+05:302009-08-11T12:59:52.055+05:30sampooran rachana laazwab .aapke likhe huye kabir ...sampooran rachana laazwab .aapke likhe huye kabir ke dohe to shandar raheज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1115690546437308633.post-19002259452952117252009-08-11T10:49:24.584+05:302009-08-11T10:49:24.584+05:30अब आपके ब्लॉग पे टिप्पणी करने आती हूँ तो अपने उन ट...अब आपके ब्लॉग पे टिप्पणी करने आती हूँ तो अपने उन टीचरों की याद आती है जो कभी-कभी गृह-कार्य में पूरा Chapter कापी में उतारने को दे देते थे:(<br />आप के शेर पहले type करने पड़ेंगे फिर उन पे लिखा जा सकेगा. जितनी बार गुस्सा आयेगा उतनी बार आपको कहूँगी :)<br />हाँ, ये ज़रा भी सोचियेगा नहीं कि इससे आपको मेरे टिप्पणी से कोई निज़ात मिल जायेगी. टिप्पणी तो पूरी ही करूंगी चाहे टुकड़े-टुकड़े में :). बाक़ी शाम को तसल्ली से लिखूंगी, घर से. सादर :)Shardulahttps://www.blogger.com/profile/14922626343510385773noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1115690546437308633.post-86735091798170984452009-08-11T08:27:22.120+05:302009-08-11T08:27:22.120+05:30"दर्द को खूब परेशान करें ,
खिलखिलाकर हंसी की ..."दर्द को खूब परेशान करें ,<br />खिलखिलाकर हंसी की बात करें..."<br /><br />बहुत ही प्यारा-सा , <br />बड़ा ही अनमोल शेर कहा है आपने <br />वाकई जिंदगी की बात की है अपनी ग़ज़ल में <br /><br />"जाने इरशाद कया किया सब से <br /> अब तो सब आप ही की बात करें."<br /><br />और ....आपकी बेबाक , <br />सटीक टिप्पणी का बहुत बहुत शुक्रिया <br />यकीनन..... प्रेरणा मिली है मुझे.<br />शुक्रिया <br />---मुफलिस---daanishhttps://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1115690546437308633.post-87342437942398834262009-08-11T02:39:59.328+05:302009-08-11T02:39:59.328+05:30डॉक्टर - इतने दिन बाद लिखा तो शानदार ही लिखा है। क...डॉक्टर - इतने दिन बाद लिखा तो शानदार ही लिखा है। क्या बात है। आपने बारिश का जिक्र किया है थोड़ी बारिश दिल्ली की तरफ भी भेज दें।हिन्दीवाणीhttps://www.blogger.com/profile/07941990914773155980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1115690546437308633.post-75884963991752094542009-08-10T20:00:18.258+05:302009-08-10T20:00:18.258+05:30बहुत ही खुशनुमा और प्यारी ग़ज़ल.
हर शेर में एक posi...बहुत ही खुशनुमा और प्यारी ग़ज़ल. <br />हर शेर में एक positive beat!!<br />बहुत सुन्दर. शुक्रिया!Shardulahttps://www.blogger.com/profile/14922626343510385773noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1115690546437308633.post-48835831710777223622009-08-10T16:57:51.449+05:302009-08-10T16:57:51.449+05:30दर्द को खूब परेशान करें
खिलखिलाकर कर हंसी की बात क...दर्द को खूब परेशान करें<br />खिलखिलाकर कर हंसी की बात करें <br /><br />वाह... अमर साहेब वाह...बेहतरीन ग़ज़ल...दाद कबूल कीजिये.<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1115690546437308633.post-10126699301049541362009-08-10T12:13:32.430+05:302009-08-10T12:13:32.430+05:30ek bahut hi sundar abhiwyaktiek bahut hi sundar abhiwyaktiओम आर्यhttps://www.blogger.com/profile/05608555899968867999noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1115690546437308633.post-34574862923361167262009-08-10T10:40:23.727+05:302009-08-10T10:40:23.727+05:30एकदम सरल सरस सुन्दर. हमारी अर्धांगिनी संधिवात से प...एकदम सरल सरस सुन्दर. हमारी अर्धांगिनी संधिवात से पीड़ित है. हमने उन्हें पढाया और उन्हें भी अच्छा लगा. मन हल्का हो गया. आभार.PN Subramanianhttp://mallar.wordpress.comnoreply@blogger.com