जीवन भर पछताए कौन
ऐसी लगन लगाए कौन
बैद नहीं उपचार नहीं
फिर ये रोग लगाए कौन
तू आयेगा - झूठी बात
पर मन को समझाए कौन
उस नगरी में सारे सुख
उस नगरी में जाए कौन
मन ही मन का बैरी है
और भला भरमाये कौन
Monday, September 6, 2010
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