जो कुछ भी करना है, कर ले;
इसी जनम में जी ले, मर ले।
अवतारों की राह देख मत;
छीन-झपट कर झोली भर ले।
सीख तैरना अपने बल पर;
डूबेगी यह नाव; उतर ले।
सच में लगा झूठ के पहिये;
ये बोझा मत अपने सर ले।
वेद-क़ुरानों के बदले में
गिनती के ‘ढाई आखर’ ले।
इसी जनम में जी ले, मर ले।
अवतारों की राह देख मत;
छीन-झपट कर झोली भर ले।
सीख तैरना अपने बल पर;
डूबेगी यह नाव; उतर ले।
सच में लगा झूठ के पहिये;
ये बोझा मत अपने सर ले।
वेद-क़ुरानों के बदले में
गिनती के ‘ढाई आखर’ ले।
बहुत खूब.
ReplyDeleteसही कहा.
अवतारों की राह देख मत;
ReplyDeleteछीन-झपट कर झोली भर ले।
sahi tasveer dikha di hai aapne
बहुत उम्दा,बधाई.
ReplyDeleteआपका यह अंदाज़ (कटाक्ष) अच्छा है !
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