जब से इंसान हो गए यारो
हम परेशान हो गए यारो।
बेडी़ पावों की,तौक़ गर्दन का,
दीन-ओ-ईमान हो गए यारो।
कैस कुछ कह उठा तो अहले खि़रद,
कितने हैरान हो गए यारो।
अब अवध में नहीं कोई शम्बूक,
सारे कुर्बान हो गए यारो।
कोई सुनता नहीं किसी की पुकार,
लोग भगवान हो गए यारो।
Saturday, July 12, 2008
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