चिड़िया के बच्चों ने पर तौले ;
और उड़ चले।
और उड़ चले।
नन्हें-नन्हें फड़्फड़ाते पर
कोमल और सुकुमार.
कुछ तेज़ी से उड़े;
आगे निकले;और बनाया
एक नया नीड़;
फिर से लिखने को-
वही पुरातन चिर कथा.
कुछ के पंख
इतने सशक्त न थे.
आंधी-वर्षा से जूझते
वे जा गिरे धरती पर-
और ग्रास बने –
व्यालों बिलावों के.
कुछ करते रहे जतन ,
नीड़ के निर्माण का.
रहे खोजते कोई सशक्त डाल
छाया और आश्रय को.
कुछ को मिली;
कुछ को नहीं मिली.
सबका था अपना-अपना
जीवन-समर;
अपने-अपने नीड़,
अपनी-अपनी डाल;
अपने-अपने व्याल.
पर एक तथ्य
उन सबकी गाथा में साझा था.
उनमें से कोई भी
पुराने नीड़ पर नहीं लौटा.
कुछ तेज़ी से उड़े;
आगे निकले;और बनाया
एक नया नीड़;
फिर से लिखने को-
वही पुरातन चिर कथा.
कुछ के पंख
इतने सशक्त न थे.
आंधी-वर्षा से जूझते
वे जा गिरे धरती पर-
और ग्रास बने –
व्यालों बिलावों के.
कुछ करते रहे जतन ,
नीड़ के निर्माण का.
रहे खोजते कोई सशक्त डाल
छाया और आश्रय को.
कुछ को मिली;
कुछ को नहीं मिली.
सबका था अपना-अपना
जीवन-समर;
अपने-अपने नीड़,
अपनी-अपनी डाल;
अपने-अपने व्याल.
पर एक तथ्य
उन सबकी गाथा में साझा था.
उनमें से कोई भी
पुराने नीड़ पर नहीं लौटा.
bahut bada stya hai Amar jee yah jeevan ka !
ReplyDelete