राजा लिख और रानी लिख।
फिर से वही कहानी लिख॥
बैठ किनांरे लहरें गिन।
दरिया को तूफ़ानी लिख॥
गोलीबारी में रस घोल।
रिमझिम बरसा पानी लिख॥
राम-राज के गीत सुना।
हिटलर की क़ुरबानी लिख॥
राजा को नंगा मत बोल।
परजा ही बौरानी लिख॥
फ़िरदौसी के रस्ते चल।
मत कबीर की बानी लिख॥
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भाई वाह !
ReplyDeleteवाकई मज़ा आगया , क्या मिटटी पलीद कि है तथाकथित कवियों कि, शायद पहली बार मैंने आपको पढ़ा है !
बहुत अच्छा लिखते हैं आप,....