बहुत अनूठी रचना और अच्छी भी।
पहचाना!कौन छले?Wonderful, totally different style.Regards
बिल्कुल ठीक कहा.झूठ कहने वालों की दाल ग़लती है...और सच कहने वालों कादिल जलता है !.....अत्यल्प शब्दों मेंयह ग़ज़ल जैसी रचना अच्छी लगी.============================डॉ.चन्द्रकुमार जैन
SHABDON KE JAADUGAR HAIN AAP
Achha prayasBadhai....
भूख लगे,देह जले।हाकिम कोसत्य खले।बहुत खूब......
शब्दों की ये किफायत ! काबिले तारीफ !जो कहें,सही लगे !
adbhut
achchhaa nahee hai bilkul ye prayaas varn "safal prayaa hai"
बहुत अनूठी रचना और अच्छी भी।
ReplyDeleteपहचाना!
ReplyDeleteकौन छले?
Wonderful, totally different style.
Regards
बिल्कुल ठीक कहा.
ReplyDeleteझूठ कहने वालों की दाल
ग़लती है...और सच कहने वालों का
दिल जलता है !.....अत्यल्प शब्दों में
यह ग़ज़ल जैसी रचना अच्छी लगी.
============================
डॉ.चन्द्रकुमार जैन
SHABDON KE JAADUGAR HAIN AAP
ReplyDeleteAchha prayas
ReplyDeleteBadhai....
भूख लगे,
ReplyDeleteदेह जले।
हाकिम को
सत्य खले।
बहुत खूब......
शब्दों की ये किफायत ! काबिले तारीफ !
ReplyDeleteजो कहें,
सही लगे !
adbhut
ReplyDeleteachchhaa nahee hai bilkul ye prayaas
ReplyDeletevarn "safal prayaa hai"