Wednesday, July 16, 2008

प्यार का वास्ता रहा होगा.

प्यार का वास्ता रहा होगा।
कोई अहद-ऐ-वफ़ा रहा होगा।

आबला जो पड़ा तेरे दिल पर
दोस्ती का सिला रहा होगा।

किसने राजा को कह दिया नंगा!
कौन वो सरफिरा रहा होगा!

वो ठहाके बहुत लगाता था,

दर्द दिल में छुपा रहा होगा।

हम कहाँ! और उनकी बज्म कहाँ!
वो कोई दूसरा रहा होगा.

2 comments:

  1. वो ठहाके बहुत लगाता था,
    दर्द दिल में छुपा रहा होगा।

    aacha likha hai

    ReplyDelete
  2. bhut sundar likh rhe hai. jari rhe.
    aap apna word verification hata le taki humko tipani dene me aasani ho.

    ReplyDelete